Tuesday, September 15, 2009

कुत्ते और बंदर की कहानी

एक दिन एक कुत्ता जंगल में रास्ता भटक जाता है,तभी उसने देखा एक शेर उसकी तरफ़ चला आ रहा है,कुत्ते की साँस सूख गई"आज काम तमाम" उसने सोचा.फिर उसने सामने कुछ सूखी हड्डियाँ पड़ी देखी,वो आते हुए शेर की तरफ़ पीठ करके बैठ गया और एक सूखी हड्डी को चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से बोलने लगा " वाह शेर को खाने का मज़ा ही कुछ और है,एक और मिल जाय तो पूरी दावत हो जाय!" और उसने ज़ोर से डकार मारा.इस बार शेर सकते में आ गया ,उसने सोचा "ये कुत्ता तो शेर का शिकार करता है!जान बचा कर भागो!" और शेर वहां से भाग गया।



पेड़ पर बैठा एक बंदर ये सब देख रहा था,उसने सोचा ये मौका अच्छा है, शेर को सारी कहानी बता देता हूँ- शेर से दोस्ती हो जाएगी और उससे ज़िन्दगी भर के लिये जान का खतरा भी दूर हो जायेगा,वो फटाफट शेर के पीछे भागा,उधर बंदर ने शेर को सब बता दिया कि कैसे कुत्ते ने उसे बेवकूफ़ बनाया है,शेर ज़ोर से डांटा, "चल मेरे साथ अभी उसकी लीला खत्म करता हूँ" और बंदर को अपनी पीठ पर बैठा कर शेर कुत्ते की तरफ़ लपका।

कुत्ते ने शेर को आते देखा तो तो वो समझ गया कि इसमें बंदर का हाथ है तो कुत्ता एक बार फिर उसकी तरफ़ पीठ करके बैठ गया और ज़ोर ज़ोर से बोलने लगा ,"इस बंदर को भेजे एक घंटा हो गया और अभी तक साला एक शेर तक फांस कर नहीं ला सका!"

अपने अगल बगल भी ऐसे बंदर होते हैं,,,,,पहचानना सीखिये,,,,,!!!!!!

3 comments:

समयचक्र said...

बहुत रोचक कहानी . बधाई प्रस्तुति के लिए.

संगीता पुरी said...

अच्‍छी कहानी .. पर ऐसे बंदरों का शेर ने अवश्‍य शिकार कर दिया होगा !!

शरद कोकास said...

भई यही सब तो अब मनुष्यों ने सीख लिया है

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बचपन की सुहानी यादों की खुमारी अभी भी टूटी नही है.. जवानी की सतरंगी छाँह आज़मगढ़, इलाहाबाद,बलिया और दिल्ली मे.. फिलहाल 24 वर्षों से मुम्बई मे.. मनोरंजन चैनल के साथ रोजी-रोटी का नाता......

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